Kālidāsa aura usakī kāvya-kalāMotīlāla Banārasīdāsa, 1963 - 306 pages |
Common terms and phrases
अंक अतः अधिक अपनी अपने अयोध्या आदि इन इस उन उनके उन्हें उस उसका उसकी उसके उसने उसे एक ऐसा कर करता करते करने कवि कवि ने कश्मीर कहा का का वर्णन कारण काल कालिदास कालिदास के काव्य किन्तु किया है किसी की कुछ कुमार के लिए के साथ केवल को कोई क्योंकि गई गए गया जब जा जाता है जाती जाने जो तक तथा तब तरह तुम तो था थी थे दिया द्वारा नहीं नाटक नाम ने पद्य पर पार्वती पूर्व पृ० प्रकार प्रति प्रतीत प्रेम फिर बहुत भारत भी में में भी मेघदूत यदि यह या रघु रघु० रघुवंश रहा रही रहे राजा राम रूप लिया वह वहाँ वाले विक्रम विषय वे शकुन्तला शिव श्री संवत् सकता सब समय सम्बन्ध सर्ग सुन्दर से सौन्दर्य स्थान हिमालय ही हुआ हुई हुए हृदय है और है कि हैं हो होता है